बारहवाँ अध्यायः भक्तियोग- श्रीमद् भगवदगीता

बारहवाँ अध्यायः भक्तियोग- श्रीमद् भगवदगीता

Bhagavad gita adhyay 12 बारहवाँ अध्यायः भक्तियोग दूसरे अध्याय से लेकर यहाँ तक भगवान ने प्रत्येक स्थान पर सगुण साकार परमेश्वर की उपासना की प्रशंसा की। सातवें अध्याय से ग्यारहवें…
पंद्रहवाँ अध्यायः पुरुषोत्तमयोग- श्रीमद् भगवदगीता

पंद्रहवाँ अध्यायः पुरुषोत्तमयोग- श्रीमद् भगवदगीता

Bhagavad gita adhyay 15 पंद्रहवाँ अध्यायः पुरुषोत्तमयोग चौदहवें अध्याय में श्लोक 5 से 19 तक तीनों गुणों का स्वरूप, उनके कार्य उनका बंधनस्वरूप और बंधे हुए मनुष्य की उत्तम, मध्यम…
सम्पूर्ण श्रीमद भागवत गीता – Complete Shrimad Bhagwat Geeta in Hindi

सम्पूर्ण श्रीमद भागवत गीता – Complete Shrimad Bhagwat Geeta in Hindi

Table of content सम्पूर्ण श्रीमद भागवत गीता – Complete Shrimad Bhagwat Geeta in Hindi Shrimad Bhagwat Geeta in Hindi– श्रीमद्भगवद्‌गीता हिन्दुओं के पवित्रतम ग्रन्थों में से एक है। महाभारत के…
सोलहवाँ अध्यायः दैवासुरसंपद्विभागयोग- श्रीमद् भगवदगीता

सोलहवाँ अध्यायः दैवासुरसंपद्विभागयोग- श्रीमद् भगवदगीता

Bhagavad gita adhyay 16 सोलहवाँ अध्यायः दैवासुरसंपद्विभागयोग 7 वें अध्याय के 15वें श्लोक में तथा 9वें अध्याय के 11वें तथा 12 वें श्लोक में भगवान ने कहा हैः 'आसुरी तथा…
सत्रहवाँ अध्यायः श्रद्धात्रयविभागयोग- श्रीमद् भगवदगीता

सत्रहवाँ अध्यायः श्रद्धात्रयविभागयोग- श्रीमद् भगवदगीता

Bhagavad gita adhyay 17 सत्रहवाँ अध्यायः श्रद्धात्रयविभागयोग सोलहवें अध्याय के आरम्भ में भगवान श्रीकृष्ण ने निष्काम भाव से आचरण करते हुए शास्त्रीय गुण तथा आचरण का वर्णन दैवी संपत्ति के…
दसवाँ अध्यायः विभूतियोग- श्रीमद् भगवदगीता

दसवाँ अध्यायः विभूतियोग- श्रीमद् भगवदगीता

Bhagavad gita adhyay 10 दसवाँ अध्यायः विभूतियोग सात से लेकर नौवें अध्याय तक विज्ञानसहित ज्ञान का जो वर्णन किया है वह बहुत गंभीर होने से फिर से उस विषय को…
पाँचवाँ अध्यायः कर्मसंन्यासयोग- श्रीमद् भगवदगीता

पाँचवाँ अध्यायः कर्मसंन्यासयोग- श्रीमद् भगवदगीता

Table of content पाँचवाँ अध्यायः कर्मसंन्यासयोग तीसरे और चौथे अध्याय में अर्जुन ने भगवान श्रीकृण्ण के मुख से कर्म की अनेक प्रकार से प्रशंसा सुनकर और उसके अनुसार बरतने की…
दूसरा अध्यायः सांख्ययोग- श्रीमद् भगवदगीता

दूसरा अध्यायः सांख्ययोग- श्रीमद् भगवदगीता

Table of content दूसरा अध्यायः सांख्ययोग पहले अध्याय में गीता में कहे हुए उपदेश की प्रस्तावना रूप दोनों सेनाओं के महारथियों की तथा शंखध्वनिपूर्वक अर्जुन का रथ दोनों सेनाओं के बीच…
तेरहवाँ अध्यायः क्षेत्रक्षत्रज्ञविभागयोग- श्रीमद् भगवदगीता

तेरहवाँ अध्यायः क्षेत्रक्षत्रज्ञविभागयोग- श्रीमद् भगवदगीता

bhagavad gita adhyay 13 तेरहवाँ अध्यायः क्षेत्रक्षत्रज्ञविभागयोग बारहवें अध्याय के प्रारम्भ में अर्जुन ने सगुण और निर्गुण के उपासकों की श्रेष्ठता के विषय में प्रश्न किया था। उसका उत्तर देते…
नौवाँ अध्यायः राजविद्याराजगुह्ययोग- श्रीमद् भगवदगीता

नौवाँ अध्यायः राजविद्याराजगुह्ययोग- श्रीमद् भगवदगीता

Bhagavad gita adhyay 9 नौवाँ अध्यायः राजविद्याराजगुह्ययोग सातवें अध्याय के आरम्भ में भगवान ने विज्ञानसहित ज्ञान का वर्णन करने की प्रतिज्ञा की थी। उस अनुसार उस विषय का वर्णन करते…
चौदहवाँ अध्यायः गुणत्रयविभागयोग- श्रीमद् भगवदगीता

चौदहवाँ अध्यायः गुणत्रयविभागयोग- श्रीमद् भगवदगीता

bhagavad gita adhyay 14 चौदहवाँ अध्यायः गुणत्रयविभागयोग तेरहवें अध्याय में 'क्षेत्र' और 'क्षेत्रज्ञ' के लक्षण बताकर उन दोनों के ज्ञान को ही ज्ञान कहा और क्षेत्र का स्वरूप, स्वभाव विकार…
सातवाँ अध्यायः ज्ञानविज्ञानयोग- श्रीमद् भगवदगीता

सातवाँ अध्यायः ज्ञानविज्ञानयोग- श्रीमद् भगवदगीता

सातवाँ अध्यायः ज्ञानविज्ञानयोग Seventh Chapter of Shreemad Bhagvat Geeta in Hindi ।। अथ सप्तमोऽध्यायः।। श्री भगवानुवाच मय्यासक्तमनाः पार्थ योगं युंजन्मदाश्रयः । असंशयं समग्रं मां यथा ज्ञास्यसि तच्छृणु ।।1।। श्री भगवान…
आठवाँ अध्यायः अक्षरब्रह्मयोग- श्रीमद् भगवदगीता

आठवाँ अध्यायः अक्षरब्रह्मयोग- श्रीमद् भगवदगीता

आठवाँ अध्यायः अक्षरब्रह्मयोग सातवें अध्याय में 1 से 3 श्लोक तक भगवान ने अर्जुन को सत्यस्वरुप का तत्व सुनने के लिए सावधान कर उसे कहने की प्रतिज्ञा की | फिर…
पहला अध्यायःअर्जुनविषादयोग- श्रीमद् भगवदगीता

पहला अध्यायःअर्जुनविषादयोग- श्रीमद् भगवदगीता

Table of content पहला अध्यायःअर्जुनविषादयोग भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को निमित्त बना कर समस्त विश्व को गीता के रूप में जो महान् उपदेश दिया है, यह अध्याय उसकी प्रस्तावना रूप…
अठारहवाँ अध्यायः मोक्षसंन्यासयोग- श्रीमद् भगवदगीता

अठारहवाँ अध्यायः मोक्षसंन्यासयोग- श्रीमद् भगवदगीता

Bhagavad gita adhyay 18 अठारहवाँ अध्यायः मोक्षसंन्यासयोग दूसरे अध्याय के 11वें श्लोक से श्रीमद् भगवद् गीता के उपदेश का आरम्भ हुआ है। वहाँ से लेकर 30वें श्लोक तक भगवान ने…
चौथा अध्याय: ज्ञानकर्मसन्यासयोग- श्रीमद् भगवदगीता

चौथा अध्याय: ज्ञानकर्मसन्यासयोग- श्रीमद् भगवदगीता

चौथा अध्याय: ज्ञानकर्मसन्यासयोग तीसरे अध्याय के श्लोक 4 से 21 तक में भगवान ने कई प्रकार के नियत कर्मों के आचरण की आवश्यकता बतायी, फिर 30वें श्लोक में भक्ति प्रधान…
ग्यारहवाँ अध्यायः विश्वरूपदर्शनयोग- श्रीमद् भगवदगीता

ग्यारहवाँ अध्यायः विश्वरूपदर्शनयोग- श्रीमद् भगवदगीता

Bhagavad gita adhyay 11 ग्यारहवाँ अध्यायः विश्वरूपदर्शनयोग दसवें अध्याय के सातवें श्लोक तक भगवान श्रीकृष्ण ने अपनी विभूति, योगशक्ति तथा उसे जानने के माहात्म्य का संक्षेप में वर्णन किया है।…
तीसरा अध्यायः कर्मयोग- श्रीमद् भगवदगीता

तीसरा अध्यायः कर्मयोग- श्रीमद् भगवदगीता

तीसरा अध्यायः कर्मयोग दूसरे अध्याय में भगवान श्रीकृष्ण ने श्लोक 11 से श्लोक 30 तक आत्मतत्त्व समझाकर सांख्ययोग का प्रतिपादन किया | बाद में श्लोक 31 से श्लोक 53 तक समस्त बुद्धिरूप…
छठा अध्यायः आत्मसंयमयोग- श्रीमद् भगवदगीता

छठा अध्यायः आत्मसंयमयोग- श्रीमद् भगवदगीता

भगवत गीता का छठा अध्याय पाँचवें अध्याय के आरम्भ में अर्जुन ने भगवान से "कर्मसंन्यास" (सांख्य योग) तथा कर्मयोग इन दोनों में से कौन सा साधन निश्चितरूप से कल्याणकारी है…