नैनन में श्याम समायो रोग लगाया कान्हा ने लिरिक्स

नैनन में श्याम समायो, रोग लगाया कान्हा ने,
मैं सुध भुध भूली सारी, रोग लगायो कान्हा ने,
नैनन में, नैनन में,
नैनन में श्याम समायो,रोग लगाया कान्हा ने,॥ॐ॥

जबसे देखि तेरी सूरत, दुनिया नजर ना आवे,
अधरंग में मेरे श्याम श्याम है, तू ही प्यास बुझावे,
नैनन में, नैनन में,
नैनन में श्याम समायो, रोग लगाया कान्हा ने,॥ॐ॥

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तेरी अँखियाँ देख मरी मैं, तू कान्हा चित चोर,
तुम को जबसे देखा मैंने, ढूँढू मैं चहुँ और,
नैनन में, नैनन में,
नैनन में, श्याम समायो, रोग लगाया कान्हा ने,॥ॐ॥

कान्हा ऐसी रहमत करदो, जीवन में प्रकाश हो,
शैलेन्द्रर तुम से बतलाये, पूरी मेरी आस हो,
मेरे जीवन संग प्रकाश, चमक चंदा और तारो में,
नैनन में, नैनन में,॥ॐ॥
नैनन में श्याम समायो, रोग लगाया कान्हा ने,
नैनन में श्याम समायो, रोग लगाया कान्हा ने,
मैं सुध भुध भूली सारी, रोग लगायो कान्हा ने,॥ॐ॥